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विडाल टेस्ट - परिचय, सिद्धांत और प्रक्रिया

Last Updated On: Dec 30 2024

परिचय

विडाल टेस्ट एक सीरोलॉजी टेस्ट है जो शरीर में टायफ़ॉएड या एंट्रिक फ़ीवर का पता लगाता है। यह टेस्ट 1896 में जॉर्जिस फ़र्डिनेंड विडाल ने किया था इसलिए उनके नाम से ही इसे जाना जाने लगा।

विडाल टेस्ट ऐसी एंटीबॉडी का पता लगाने का एडवांस तरीका है जिसे आपका शरीर टायफ़ॉएड बुखार का कारण बनने वाले सालमोनेला बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बनाता है। यह मरीज के रक्त के सैंपल (सिरम) में O और H एंटीबॉडी का पता लगाता है।

यह टेस्ट जीवनघातक बीमारी जैसे टायफ़ॉएड बुखार का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन, सही नतीजे प्राप्त करने के लिए विडाल को इंटरप्रेट करना बेहद जरूरी है।

विडाल टेस्ट का मतलब, उसका सिद्धांत, प्रक्रिया और टेस्ट के नतीजों का इंटरप्रिटेशन जानने के लिए यह लेख पढ़ते रहें।

टायफ़ॉएड बुखार और विडाल टेस्ट

टायफ़ॉएड बुखार जिसे एंट्रिक फ़ीवर के नाम से भी जाना जाता है, सालमोनेला बैक्टीरिया के कारण होने वाली गंभीर बीमारी है। मल पदार्थ युक्त खराब भोजन करने या पानी पीने के कारण यह बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।

टायफ़ॉएड से पीड़ित व्यक्ति को थकान, तेज बुखार, सिरदर्द, डायरिया या कब्ज, पेट में दर्द, वजन घटने और लाल चकत्तों की शिकायत होती है। टायफ़ॉएड बुखार का जल्द से जल्द पता लगाकर उपचार करना बेहद जरूरी होता है जिससे आंतो में ब्लीडिंग या पर्फ़ोरेशन जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सके।

टायफ़ॉएड बुखार का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट होते हैं, जैसे स्टूल कल्चर, बोन मैरो वगहरा। ऐसा ही एक टेस्ट है विडाल टेस्ट जो ऐसी एंटीबॉडी का पता लगाता है जिसे आपका शरीर टायफ़ॉएड बुखार का कारण बनने वाले सालमोनेला बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बनाता है।

सालमोनेला बैक्टरीया टायफ़ॉएड बुखार का कारण है। यह एक से दूसरे व्यक्ति या खराब भोजन खाने से फैलता है। यह बैक्टीरिया दो प्रकार के होते हैं:

1.         सालमोनेला टाइफ़ी जिसे एस.टाइफ़ी भी कहते हैं,

2.         सालमोनेला पेराटाइफ़ी जिसे एस.पेराटाइफ़ी भी कहते हैं

अब, बैक्टीरिया एस.टाइफ़ी के दो एंटजेन होते हैं, इनके नाम हैं:

1.         एस.टाइफ़ी O (TO), प्राइमरी एंटीजेन

2.         एस.टाइफ़ी H (TH), सेकेंड्री एंटीजेन

वहीं, बैक्टीरिया एस.पैराटाइफ़ी के भी नीचे दिए दो एंटीजेन होते हैं:

1.         एस.पैराटाइफ़ी ए

2.         एस.पैराटाइफ़ी बी

विडाल टेस्ट के नतीजों को समझने और एंटरप्रेट करने के लिए, हम इन वैल्यू के बारे में इस ब्लॉग में आगे बात करेंगे ताकि विडाल टेस्ट रिपोर्ट को समझा जा सके।

विडाल टेस्ट का सिद्यांत

जब आप सालमोनेला बैक्टीरिया से युक्त भोजन करते हैं, तो यह आपके शरीर में एंटीजेन के रूप में प्रवेश करता है। आपके पाचन तंत्र में पहुंचने के बाद, आपकी इम्यूनिटी इस एंटीजेन के खिलाफ़ एंटीबॉडी बनाने लगती है। नतीजे के तौर पर, एंटीजेन एग्लुटिनेट (प्रतिक्रिया देते हैं), और टायफ़ॉएड बुखार का पता लगा लिया जाता है।

यह एग्लुटिनेशन टेस्ट उन एंटीबॉडी का पता लगाता है जिसे आपका शरीर एक खास बैक्टीरिया या एंटीजेन के खिलाफ बनाता है। अगर आपको टायफ़ॉएड बुखार है, तो आपके सेरा (रक्त) में यह एंटीबॉडी होंगी जो प्रतिक्रिया देंगी और एग्लुटिनेशन टेस्ट में सालमोनेला एंटीजेन को एग्लुटिनेट करेंगी।

विडाल टेस्ट का मुख्स सिद्यांत यह है कि अगर सिरम में कोई खास एंटीबॉडी मौजूद है, तो वह किसी खास एंटीजेन को प्रतिक्रिया देगी और टेस्ट कार्ड पर क्लंपिंग नजर आएगी।

इस टेस्ट के नीचे दिए गए स्टेप पॉज़िटिव एंटीजेन के टिटर की माप करते हैं :

विडाल टेस्ट की तैयारी

स्लाइड विडाल टेस्ट

विडाल टेस्ट की तैयारी के लिए, हमारे पास नीचे दी सामग्री होनी चाहिए :

1.         मरीज का सिरम

2.         पिपेट (लैब उपकरण)

3.         सिरम

4.         एस.एंटीजेन ( O, H, AH, BH)

5.         स्लाइड

6.         मिक्स स्टिक

7.         स्टॉप वॉच

एंटीजेन का पता लगाने के लिए आपको रीऐजेंट की जरूरत भी पड़ेगी, जैसे O Ag (सोमैटिक या सर्फ़ेस Ag), H Ag (फ़लैगेला) , AH Ag, BH Ag, वगैरह।

विडाल टेस्ट प्रक्रिया दो चरणों में होती है:

1.         क्वालिटेटिव विडाल टेस्ट

इस टेस्ट के लिए, आप 6 रिएक्शन सर्किल वाली स्लाइड का इस्तेमाल करेंगे, जिनमें O, H, AH, BH, PC और NC चिन्हित होगा। शुरु करने के लिए,

1.         मरीज के सिरम की एक बूंद चार रिएक्शन सर्किल यानि, O, H, AH, BH  में डालें।

2.         पॉज़िटिव कंट्रोल की एक बूंद PC सर्किल में डालें और एक बूंद NC सर्किल में।

3.         इसके बाद, O एंटीजेन की एक बूंद O सर्किल में डालें, P एंटीजेन की P सर्किल में, AH एंटीजेन की AH सर्किल में और BH एंटीजेन की BH सर्किल में डालें।

4.         किसी भी एंटीजेन यानि, O, H, AH, BH को PC और NC दोनों में डालें।

5.         इसके बाद, सिरम और एंटीजेन को सर्किल में अच्छे से मिलाएं ताकि मिश्रण सर्किल के बाहर न निकले और स्लाइड को स्पर्श करे।

6.         साथ ही, एक मिश्रण दूसरे मिश्रण के साथ मिलना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे टेस्ट के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।

7.         अंतत:, साइड को धीमे धीमें गोलाकार घुमाएं, ताकि सिरम और रीएजेंट अच्छे से मिल सकें।

एक बार यह सब हो जाने के बाद, आपको नतीजे दिखने लगेंगे। अगर टेस्ट पॉज़िटिव है, तो टेस्ट PC (+ve कंट्रोल सर्किल) के समान होगा, और अगर टेस्ट नेगेटिव है तो वह NC (-ve कंट्रोल सर्किल) के समान होगा। दूसरे शब्दों में, अगर उसके किसी तरह का एग्लुटिनेशन होता है, तो टेस्ट के नतीजे पॉज़िटिव होंगे और नहीं है तो नेगेटिव होंगे।

अब, अगर टेस्ट के नतीजे पॉज़िटिव हैं, तो अगले चरण में क्वांटिटेटिव टेस्ट किया जाता है। टायफ़ाएड बुखार का पता लगाने के लिए, पॉज़िटिव एंटीजेन का रीएजेंट लेंगे। उदाहरण के तौर पर, अगर क्वालिटेटिव टेस्ट में O पॉज़िटिव था, तो क्वाटिंटेटिव टेस्ट में हम O रीएजेंट लेंगे।

ज्यादातर मामलों में, O और H, यानि एस.टाइफ़ी को डाएग्नोसिस कंफ़र्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्वालिटेटिव टेस्ट में केवल कुछ ही लोगों का AH या BH पॉज़िटिव होता है।

2.         क्वांटिटेटिव विडाल टेस्ट : यह एक सेमीप्रोसीजर टेस्ट है, जिसका मतलब है कि अगर O पॉज़िटिव है तो आप O की जांच करेंगे, H अगर H पॉज़िटिव है, और दोनों अगर दोनों पॉज़िटिव हैं। इस टेस्ट को करने के लिए, नीचे दिए तरीके को अपनाएं :

1.         8 सर्किल वाली अलग अलग स्लाइड का इस्तेमाल करें : चार O और चार H एंटीजेन के लिए।

2.         अब, अगर पिछले टेस्ट में O पॉज़िटिव था, तो हॉरिज़ॉन्टल तरीके से पहले O सर्किल में मरीज़ का 5 ul सिरम डालें, दूसरे में 10 ul, तीसरे में 20 ul और चौथे में 40 ul।

3.         इसी प्रकार, चारों सर्किल में एक खास रीएजेंट की एक बूंद डालें।

4.         नतीजे प्राप्त करने के लिए, दाएं हाथ से वैल्यू मार्क करें। चौथे सर्किल में 1:40 मार्क करें, तीसरे में 1:80, दूसरे में 1:160, और पहले सर्किल में 1:320।

विडाल टेस्ट का इंटरप्रिटेशन : स्लाइड मेथड

सिरम और रीएजेंट को अच्छे से मिला लेने और स्लाइड घुमा लेने के बाद, नतीजे आने का इंतजार करें। अगर इसमें O सर्किल में 100 से ज्यादा में पॉज़िटिव नजर आता है या H के मामले में 200 से ज्यादा पर पॉज़िटिव आता है तो नतीजे पॉज़िटिव होंगे।

दूसरे शब्दों में, अगर O में टिटर 100 से ज्यादा है और H में 200 से ज्यादा, तो यह पॉज़िटिव विडाल टेस्ट होगा। हालांकि, यह टेस्ट एंटीबाएटिक, मलेरिया, डेग्यू, या कुछ दिन से ज्यादा बुखार आने पर यह रिपोर्ट निगेटिव भी हो सकती है।

आप अपने टेस्ट की नतीजों को नीचे दिए तरीके से इंटरप्रेट कर सकते हैं :

·         अगर एस.टाइफ़ी 1:80 से कम या बराबर है, तो नेगेटिव और अगर एस.टाइफ़ी 1:160 के बराबर या उससे ज्यादा है तो पॉज़िटिव।

·         अगर एस.पैराटाइफ़ी 1:80 के बराबर या उससे कम है तो नेगेटिव और अगर एस.पेराटाइफ़ी 1:160 के बराबर या उससे ज्यादा है तो पॉज़िटिव।

अगर एस.टाइफ़ी O पॉज़िटिव है, तो आपको तेज बुखार होगा। हालांकि, एस.टाइफ़ी H के मामले में, बुखार पुराने संक्रमण के कारण होता है। विडाल टेसट की सामान्य रेंज तब होती है जब टिटर O और H दोनों एंटीजेन में 1:80 के बराबर या उससे कम होता है।

ट्यूब विडाल टेस्ट

क्वालिटेटिव और क्वांटिटेटिव विडाल टेस्ट के अलावा, एक और तरीका भी है, जिसे स्टैंडर्ड टेस्ट ट्यूब मेथड कहते हैं। इसमें, आठ ट्यूब लिए जाते हैं, उन्हे डायल्यूट करके देखा जाता है। पहला टेस्ट टॉयफ़ॉएड बुखार का पता लगा लेता है, हालांकि, ट्यूब विडाल टेस्ट फ़ीवर को कंफ़र्म कर देता है।

असल में, टायफ़ॉएड बुखार का पता लगाने के लिए दो तरह के ट्यूब इस्तेमाल होते थे:

·         H एग्लुटिनेशन के लिए ड्रेयर्स ट्यूब

·         O एग्लुटिनेशन के लिए फ्Þलेक्सी ट्यूब

इन दिनों, O और H दोनों एग्लुटिनेशन के लिए 3 x 0.5 ml Kahn ट्यूब का इस्तेमाल होता है।

स्टैंडर्ड ट्यूब मेथड की प्रक्रिया:

विडाल टेस्ट की तैयारी के लिए, आपको नीचे दी गई सामग्री की जरूरत पड़ेगी :

1.         मरीज का सिरम

2.         O, H, AH और BH एंटीजेन

3.         सामान्य सेलाइन

4.         पिपेट

5.         टेस्ट ट्यूब रैक

6.         टेस्ट ट्यूब

7.         वॉटर बाथ

इस टेस्ट को शुरू करने से पहले, आपको यह ध्यान में रखना जरूरी है कि टेस्ट ट्यूब मेथड एक डायल्यूशन टेक्नीक है जिसे सही से करने की जरूरत है। आसान भाषा में इस टेस्ट को समझते हैं।

1.         पहले नौ ट्यूब लें और उन्हें रैक में लगा लें। O के मामले में, ट्यूब में 1 से 9 चिन्हित कर लें।

2.         पहले ट्यूब में 0.9 ml सिरम और 0.1 ml सामान्य सेलाइन मिला लें। वहीं, बचे हुए सभी ट्यूब में 0.5 ml सामान्य सेलाइन डाल दें।

3.         इसके बाद, पहले ट्यूब से 0.5 ml लेकर दूसरे ट्यूब में डाल दें। इससे पहले टेस्ट ट्यूब में 0.5 ml सल्यूशन बचेगा और दूसरे टेस्ट ट्यूब में 1 ml सल्यूशन हो जाएगा।

4.         इस प्रक्रिया को दोहराएं, यानि, पिछले ट्यूब से 0.5 ml सल्यूशन लें और अगले में मिलाते जाएं और उसे 1 ml बना दें। आठवें ट्यूब से 0.5 ml लें और उसे एक अलग ट्यूब में डाल दें।

5.         सभी ट्यूब को अच्छे से मिला लें। इससे हमें पहले से आठवें ट्यूब तक सभी का प्राइमरी सीरियल डायल्यूशन प्राप्त हो जाएगा जो इस प्रकार होगा, 1:10, 1:20, 1:40, 1:80, 1:160, 1:320, 1:640 और 1:1280।

6.         नया यानि नौंवा टेस्ट ट्यूब लें और इसमें पॉज़िटिव कंट्रोल डालें।

7.         इसके बाद, सभी आठ ट्यूब में एक के बाद एक 0.5 ml एंटीजेन (O, H, AH, BH) डालें। इससे हर ट्यूब में 1 ml सल्यूशन हो जाएगा।

8.         सभी टेस्ट ट्यूब में रीएजेंट मिलाने के लिए, हमें पहले से आठवें तक का फ़ाइनल डायल्यूशन मिल जाएगा जो इस प्रकार होगा, 1:20, 1:40, 1:80, 1:160, 1:320, 1:640, 1:1280, 1:2580

9.         अब, इसे अच्छे से मिला लें, इन्हें ढकें और टेस्ट ट्यूब को रात भर 37° C तापमान में रखें (18 से 24 घंटे)।

विडाल टेस्ट- टेस्ट ट्यूब मेथड का इंटरप्रिटेशन

अगर आपको टायफ़ॉएड बुखार है और कुछ एग्लुटिनेशन होता है, तो आप देखेंगे कि नौंवा ट्यूब (पॉज़िटिव कंट्रोल) बाकी आठ ट्यूब में से किए एक के समान लगेगा। अगर एंट्रिक फ़ीवर नहीं है तो आठ ट्यूब और विडाल टेस्ट में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।

अगर एग्लुटिनेशन दिखाने वाले ट्यूब में O के मामले में टिटर 1:100 है और H में 1:200 है, तो यह विडाल टेस्ट पॉजिÞटिव (एक्टिव संक्रमण) होगा। इसके अलावा, विडाल टेस्ट के बाकी टिटर सामान्य रेंज के माने जाते हैं।

विडाल टेस्ट की सीमाएं

इसमें कोई संदेह नहीं है कि टायफ़ॉएड बुखार का पता लगाने के लिए विडाल टेस्ट के प्रभावी और तेज तरीका है। लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं जो नीचे दी गई हैं:

1.         पहले टीकाकरण होने पर या एस.टाइफ़ी संक्रमण के मामले में विडाल टेस्ट में गलत पॉज़िटव नतीजे आ सकते हैं।

2.         विडाल टेस्ट में समय लगता है, जब तक डाएग्नोसिस हो पाती है, तब तक उपचार शुरू होने में देर हो जाती है।

3.         विडाल टेस्ट मरीज में पुराने संक्रमण, मौजूदा संक्रमण और एस.टाइफ़ी टीकाकरण में अंतर नहीं कर पाता।

4.         टाइफ़स, एक्यूट फ़ैल्सीपेरम मलेरिया, लिवर की गंभीर बीमारी, र्यूमेटाइड आर्थराइटिस, नेफ्रोटिक सिंड्रोम और मेलोमेटोसिस में विडाल टेस्ट गलत पॉजिटिव रिपोर्ट देता है।

5.         चूंकि, टेस्ट की नतीजों को कई बातें प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए टायफ़ॉएड का पता लगाने के लिए केवल इस टेस्ट पर ही निर्भर नहीं हो जाना चाहिए।

हालांकि, स्क्रीनिंग के लिए हमेशा ही विश्वस्नीय लैब में जाना चाहिए। स्क्रीनिंग में देरी या खराब स्क्रीनिंग के कारण उपचार में देरी हो सकती है।

विडाल टेस्ट की कीमत

विडाल टेस्ट जल्द होने वाला किफ़ायती टेस्ट है जिसे उन विकासशील देशों में किया जाता है जहां टायफ़ॉएड बुखार आम बात है। स्थान, लैब सेंटर और अन्य बातों के आधार पर विडाल टेस्ट की कीमत अलग अलग हो सकती है। मेट्रोपॉलिस लैब में, विडाल टेस्ट की कीमत केवल xxx है।

हमारी वेबसाइट पर आप सैंपल ट्रैक कर सकते हैं, रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं, होम विज़िट, प्रिस्क्रिप्शन अपलोड वगैरह भी कर सकते हैं। विडाल टेस्ट बुक करने के लिए आज ही मेट्रोपॉलिस लैब में संपर्क करें और जल्द नतीजे प्राप्त करें।

निष्कर्ष

टायफ़ॉएड बुखार या एंट्रिक फ़ीवर डायग्नोस करने के लिए विडाल टेस्ट एक तेज प्रक्रिया है। बुखार का पता लगाने के लिए इसमें केवल मरीज के सिरम और थोड़ी रीएजेंट की जरूरत पड़ती है। चूंकि, टेस्ट के नतीजों को कई बातें प्रभावित करती हैं, इसलिए संक्रमण होने के एक सप्ताह बाद ही दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इस टेस्ट को करवाना चाहिए।

अगर आपको टायफ़ॉएड बुखार है और आपको उसके लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आप आज ही विडाल टेस्ट बुक करवा सकते हैं।

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