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PCT Blood Test in Hindi - पीसीटी परीक्षण: सामान्य सीमा, महत्व, और फायदे
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Table of Contents
- प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट क्या है?
- यह किसलिए उपयोग किया जाता है?
- मुझे पीसीटी टेस्ट की ज़रूरत क्यों है?
- पीसीटी टेस्ट के दौरान क्या होता है?
- क्या मुझे टेस्ट के लिए किसी तरह की तैयारी करनी होगी?
- क्या इस टेस्ट से कोई खतरा होता है?
- पीसीटी टेस्ट के परिणाम क्या दर्शाते हैं?
- प्रोकैल्सीटोनीन का स्तर अधिक क्यों होता है?
- निष्कर्ष
प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट क्या है?
प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट, जिसे पीसीटी ब्लड टेस्ट भी कहा जाता है, एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है जो रक्त में प्रोकैल्सीटोनीन के स्तर को मापता है। सामान्य परिस्थितियों में, आपके खून में प्रोकैल्सीटोनीन की मात्रा बहुत कम होती है; हालांकि, जब आप किसी गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन की चपेट में आते हैं, तो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों की कोशिकाएं प्रोकैल्सीटोनीन को रक्तप्रवाह (ब्लडस्ट्रीम) में छोड़ती हैं, जिससे आपके पीसीटी ब्लड टेस्ट में प्रोकैल्सीटोनीन का स्तर बढ़ जाता है। खून में प्रोकैल्सीटोनीन का ज़्यादा स्तर गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन या सेप्सिस के लक्षणों की ओर इशारा करता है।
सेप्सिस, या सेप्टीसीमिया, आपके इम्यून सिस्टम की किसी इंफेक्शन के प्रति एक चरम प्रतिक्रिया होती है, जो मुख्य रूप से बैक्टीरिया के कारण होती है। यह दर्शाता है कि शरीर में जो इंफेक्शन है, वह आपके ब्लडस्ट्रीम में फैल चुका है। और आपके पूरे शरीर में एक प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर चुका है। इससे सूजन और ब्लड क्लॉट्स बनते हैं, और अगर समय रहते इलाज न हो, तो यह सेप्सिस तेजी से आपके टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है, अंग फेल कर सकता है और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
ऐसा इंफेक्शन जो सेप्सिस का कारण बनता है, अक्सर आपके फेफड़ों, त्वचा, यूरिनरी ट्रैक्ट या डाइजेस्टिव सिस्टम से शुरू होता है। एक प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट आपके हेल्थकेयर प्रोवाइडर को यह सही तरीके से डायग्नोज़ करने में मदद करता है कि आपको सेप्सिस है या आप सेप्सिस की स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। यह उन्हें तय करने में मदद करता है कि उन्हें किस तरह का इलाज शुरू करना है ताकि स्थिति बिगड़ने से पहले कंट्रोल में आ जाए।
यह किसलिए उपयोग किया जाता है?
प्रोकैल्सीटोनीन ब्लड टेस्ट किस लिए किया जाता है, इसका जवाब है: यह ब्लड टेस्ट यह समझने के लिए किया जाता है कि आप गंभीर रूप से बीमार हैं या नहीं और क्या आपको ऐसा इंफेक्शन है जो पूरे शरीर को प्रभावित कर रहा है, जिसे सिस्टेमिक इंफेक्शन भी कहा जाता है। एक प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट आपके हेल्थकेयर प्रोवाइडर को यह समझने में मदद करता है कि आपको बैक्टीरियल बीमारी है या वायरल। इसका एक उदाहरण बैक्टीरियल या वायरल निमोनिया है, जिसमें समस्या की वजह जानने के लिए प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट किया जाता है। यह जानकारी बेहद ज़रूरी होती है क्योंकि एंटीबायोटिक्स वायरल इंफेक्शन पर असर नहीं करते; ये केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन में प्रभावी होते हैं।
प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट के अन्य उपयोगों में शामिल हैं:
- बैक्टीरियल इंफेक्शन या सेप्सिस का निदान करना या उसे नकारना
- यह समझना कि आपकी सेप्सिस की इंफेक्शन कितनी गंभीर है
- आपके इलाज की निगरानी करना और यह जानना कि इलाज ठीक से काम कर रहा है या नहीं
- यह तय करना कि आपके लिए कौन सा इलाज सबसे बेहतर है
- उन बच्चों में किडनी इंफेक्शन के संकेतों का पता लगाना, जिन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है
अधिकतर मामलों में, पीसीटी टेस्ट अस्पताल में उन लोगों पर किया जाता है जो बेहद बीमार होते हैं और इमरजेंसी रूम में होते हैं या अस्पताल में भर्ती होते हैं।
मुझे पीसीटी टेस्ट की ज़रूरत क्यों है?
अगर आप गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन या सेप्सिस के लक्षण दिखा रहे हैं, तो आपका डॉक्टर प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट कराने की सलाह देगा। अगर आप नीचे दिए गए लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें:
- भ्रम या कन्फ्यूज़न
- तेज़ दिल की धड़कन
- पसीने से भीगी या चिपचिपी त्वचा
- बुखार या ठंड लगना
- निम्न रक्तचाप
- सांस लेने में तकलीफ
- अत्यधिक दर्द
सेप्सिस एक बड़ी मेडिकल इमरजेंसी होती है, इसीलिए समय पर इलाज लेना बेहद ज़रूरी होता है ताकि आपकी हालत और न बिगड़े।
पीसीटी टेस्ट के दौरान क्या होता है?
एक लैब टेक्नीशियन या हेल्थकेयर प्रोवाइडर आपकी बांह की नस में एक छोटी सी सुई चुभाकर ब्लड सैंपल लेता है। खून की थोड़ी सी मात्रा को एक टेस्ट ट्यूब या वायल में इकट्ठा किया जाता है, जिसे आगे टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। ये टेस्ट पांच मिनट से भी कम समय में पूरा हो जाता है, और जब सुई अंदर जाती है और बाहर निकलती है, तो आपको हल्का दर्द, चुभन या झटका महसूस हो सकता है।
क्या मुझे टेस्ट के लिए किसी तरह की तैयारी करनी होगी?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, प्रोकैल्सीटोनीन ब्लड टेस्ट एक साधारण टेस्ट है, इसलिए इस टेस्ट के लिए आपको किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती।
क्या इस टेस्ट से कोई खतरा होता है?
प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट में बहुत कम या बिल्कुल भी खतरा नहीं होता क्योंकि यह एक सामान्य ब्लड टेस्ट है। आपको सुई लगाने की जगह पर हल्का दर्द या थोड़ा नीला पड़ना महसूस हो सकता है, लेकिन ये लक्षण जल्दी ठीक हो जाते हैं।
पीसीटी टेस्ट के परिणाम क्या दर्शाते हैं?
आपके प्रोकैल्सीटोनीन ब्लड टेस्ट के नतीजों की व्याख्या अन्य क्लीनिकल जांचों और लैब टेस्ट के नतीजों के साथ मिलाकर की जाती है। अगर आपके नतीजे प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट की सामान्य सीमा से ज्यादा आते हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि:
- आपको सेप्सिस होने की संभावना है
- आपमें गंभीर सिस्टमिक बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे आपको सेप्सिस होने का खतरा हो सकता है
- आपको गंभीर सेप्सिस होने और सेप्टिक शॉक में जाने का खतरा हो सकता है, यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता और वे काम करना बंद कर सकते हैं
जितना अधिक आपका प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट का स्तर होगा, उतना ही ज्यादा सेप्सिस या सेप्टिक शॉक होने का खतरा होगा
अगर आपके खून में प्रोकैल्सीटोनीन का स्तर हल्के से लेकर मध्यम तक बढ़ा हुआ है, तो इसका मतलब हो सकता है:
- सिस्टमिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के शुरुआती लक्षण
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन के अलावा कोई अन्य स्थिति, जैसे कि ट्रॉमा से टिशू डैमेज, हाल ही में हुई सर्जरी, गंभीर हार्ट अटैक या कोई बड़ी जलने की घटना
- बच्चों में यह स्तर किडनी इन्फेक्शन को भी दर्शा सकता है
अगर प्रोकैल्सीटोनीन का स्तर कम है, तो इसका मतलब है कि आपको सेप्सिस होने की संभावना कम है, लेकिन हो सकता है कि:
- आपको कोई लोकल बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो, जैसे कि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
- इन्फेक्शन बैक्टीरिया की वजह से नहीं हो
- सिस्टमिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन की शुरुआत के लक्षण हो सकते हैं
जो लोग सेप्सिस या बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज करवा रहे हैं, उनके लिए प्रोकैल्सीटोनीन का कम स्तर यह दर्शाता है कि इलाज असरदार हो रहा है।
प्रोकैल्सीटोनीन का स्तर अधिक क्यों होता है?
पीसीटी ब्लड टेस्ट में उच्च स्तर अक्सर मेडुलरी थायरॉयड कैंसर के मामलों में पाया जाता है। हालांकि, यह टेस्ट इस बीमारी की डायग्नोसिस या मॉनिटरिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता। आपके पीसीटी टेस्ट में उच्च स्तर सिर्फ यह संकेत देता है कि आपके शरीर में कोई गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन या सेप्सिस मौजूद है। यह टेस्ट यह नहीं बताता कि इन्फेक्शन किस प्रकार के बैक्टीरिया के कारण हुआ है, इसलिए इसे अन्य लैब टेस्ट्स की जगह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। प्रोकैल्सीटोनीन का उच्च स्तर सेप्सिस और मेनिन्जाइटिस जैसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन की संभावना को दर्शा सकता है, लेकिन यह परीक्षण बैक्टीरिया के प्रकार का पता नहीं लगाता। इसलिए अगर अगर आपके पीसीटी टेस्ट में उच्च स्तर पाया गया है, तो जरूरी है कि आप अपनी रिपोर्ट किसी मेडिकल एक्सपर्ट को दिखाएं और उन्हें ही इसकी सही व्याख्या करने दें।
निष्कर्ष
प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है जो गंभीर लक्षण दिखा रहे मरीजों में बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन के बीच फर्क करने में मदद करता है। यह जानने में मदद करता है कि आपको सेप्सिस या सेप्टिक शॉक का कितना जोखिम है। मेट्रोपोलिस लैब्स में प्रोकैल्सीटोनीन टेस्ट सहित सभी जरूरी डायग्नोस्टिक टेस्ट्स की सुविधा उपलब्ध है। समय पर सही जांच करवाने से आप सही इलाज शुरू कर सकते हैं, इसलिए आज ही हमारे एक्सपर्ट्स से अपॉइंटमेंट लें।