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ह्रदय रोग से संबंधित 4 ब्लड टेस्ट: अपने ह्रदय की सेहत जानें

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क्या आप जानते हैं कि आपका ह्रदय, एक ऐसा अंग जिसे आप अक्सर अनचाही चीजों के लिए दोषी ठहराते हैं, हकीकत में वह आपकी भावनाओं को नियंत्रित नहीं करता है, बल्कि वह तो पूरे शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पंप करके पहुंचाता है। यह प्रतिदिन करीब 100,000 बार धड़कता है और हर मिनट 1.5 गैलन रक्त पंप करता है। यह खुद को हमेशा ही बहुत सक्रीय रखता है ताकि आप जीवित बने रहें। लेकिन क्या आप अपने ह्रदय की सेहत का ख्याल रखते हैं? ह्रदय रोग भारत में सबसे ज्यादा बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्या है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पांच में चार से ज्यादा ह्रदय रोग से होने वाली मृत्यु का कारण ह्रदयघात (हार्ट अटैक) और हार्ट स्ट्रोक होता है, और इनमें से ज्यादा लोगों की मृत्यु 70 की उम्र से पहले हो जाती है।

आपकी सुस्त जीवनशैली कहीं ह्रयद की समस्याओं को न्योता न देने लगे। हमारे ट्रूहेल्थ हेल्थ पैकेज की मदद से अपने सेहत के बारे में पता लागाएं।

हेल्थ टेस्ट की मदद से उबरती ह्रदय समस्याओं से बचे रहें

धूम्रपान, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), हाई कोलेस्ट्रॉल, और मुधुमेह (डायबिटीज़) कुछ आम समस्याएं हैं जिनके कारण ह्रदय रोग बढ़ते जा रहे हैं। आपका चिकित्सक ह्रदय रोग को पहचानने में आपकी बेहतर मदद कर सकते हैं, लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि ह्रदय से संबंधित कुछ टेस्ट ह्रदय की स्थिति को जानने और उसे संभालने के लिए बेहद जरूरी होते हैं।

ह्रदय रोग का पता लगाने के सबसे अच्छे हार्ट ब्लड टेस्ट

1.      लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट :

इसे कोलेस्ट्रॉल टेस्ट भी कहते हैं, यह टेस्ट आपके रक्त में वसा के स्तर का पता लगाता है और यह आपको ह्रदयघात, स्ट्रोक या ह्रदय रोग होने के खतरे का इशारा भी करता है। इस टेस्ट में आम तौर पर तमाम अन्य नंबर की माप शामिल होती है :

टोटल कोलेस्ट्रॉल : यह आपकी शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बताता है। टोटल कोलेस्ट्रॉल का ऊंचा स्तर ह्रदय रोग की संभावना बढ़ा देता है। सामान्य तौर पर, आपका टोटल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) या 5.2 मिलीमोल्स प्रतिलीटर (mmol/L) से कम होना चाहिए।

हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल : इसे “गुड” कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं, यह आपकी धमनियों को खुला रखता है और रक्त आसानी से उनसे होकर गुजरता है।

लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल : इसे “बैड” कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं, रक्त में बहुत अधिक मात्रा में एलडीएल होने से धमनियों में प्लाक जमा होने लगता है, और इसके कारण रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। यह प्लाक फट सकता है जिससे ह्रदय और धमनियों को बड़ी समस्या हो सकती है।

ट्राईग्लीसराइड : यह रक्त में पाई जाने वाली एक और प्रकार की वसा होती है, इसका स्तर ज्यादा होने से ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। आपका ट्राईग्लीसराइड का स्तर 150mg/dL (1.7 mmol/L) से कम होना चाहिए।

आपके संदर्भ के लिए :

टोटल कोलेस्ट्रॉल = एचडीएल कोलेस्ट्रॉल + एलडीएल कोलेस्ट्रॉल + ट्राईग्लीसराइड का 20%  

2.      हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (hs-CRP)

सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) एक ऐसा प्रोटीन है जो चोट लगने या संक्रमण होने के कारण इंफ्लेमेशन होने से आपके लिवर में बनता है। हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन (hs-CRP) टेस्ट आपके रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन के निम्न स्तर का पता लगा सकता है। हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट  के बढ़े स्तर से ह्रदयघात, हार्ट स्ट्रोक या ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।

ह्रदय की स्थिति का पता लगाने के लिए रक्त की इस जांच का विषेश महत्व है क्योंकि लक्षण आने से पहले ही यह आपको किसी प्रकार का ह्रदय रोग होने के बारे में आगाह कर देता है। 2.0 mg/L से ऊपर हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर होने पर ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।

हालांकि, ह्रदय रोग के अलावा भी कई कारणों से सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जैसे वायरल इंफ़ेक्शन। इसलिए विशेषज्ञ दो सप्ताह के अंतर पर इस टेस्ट को दो बार करवाने की सलाह देते हैं।

याद रखिए कि केवल हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर से कुछ भी पता नहीं लगाया जा सकता। चिकित्सक आपसे अन्य हेल्थ टेस्ट भी करवा सकते हैं, और फिर आपके हाई सेंस्टिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट और अन्य रक्त जांच के नतीजों और आपको होने वाले खतरों के साथ आपके ह्रदय की संपूर्ण सेहत का पता लगाते हैं।

3.      ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड टेस्ट (BNP)

ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड (BNP) एक प्रोटीन है जो अपके ह्रदय और रक्त वाहिकाओं द्वारा बनाया जाता है ताकि आपका शरीर फ़्लूड हटा सके, रक्त वाहिकाओं को आराम दे सके और आपकी यूरिन के जरिए सोडियम को बाहर निकाल सके। जब आपके ह्रदय को नुकसान पहुंचता है, तो आपके रक्त में आने वाली ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड का स्तर बढ़ जाता है।

अलग अलग लोगों की सामान्य ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड अलग-अलग हो सकती है, क्योंकि यह उम्र, लिंग और वजन बढ़े होने के अनुसार बदलती रहती है।

क्या आप कंजेस्टिव हार्ट फ़ेलियर की पता लगाना चाहते हैं, उसे डायग्नोस करना चाहते हैं या फिर उसकी गंभीरता का पता लगाना चाहते हैं? एक एनटी-प्रो ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड सिरम टेस्ट (NT-pro-BNP) बुक करें जो आपके रक्त में ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड या एनटी-प्रो ब्रेन नेट्रीयूरेटिक पेप्टाइड के स्तर का पता लगाएगा।

4.      ह्रदयघात के लिए ट्रोपोनिन टेस्ट (टी) (Troponin T)

ट्रोपोनिन (या कार्डिएक ट्रोपोनिन) एक प्रोटीन है जो आपके ह्रदय की मांसपेशियों में होता है। आम तौर पर यह रक्त में नहीं पाया जाता, रक्त में यह तभी आता है जब ह्रदय की मांसपेशिया घायल हो जाती हैं। दो तरह के कार्डिएक ट्रोपोनिन टी और आई को कार्डिएक प्रोफ़ाइल टेस्ट के लिए इस्तेमाल करके ह्रदय में चोट या नुकसान का पता लगाया जाता है। रक्त में ट्रोपोनिन की अधिक मात्रा होने पर आपको आगाह किया जाता है कि आपको हाल ही में ह्रदयघात हो चुका है या होने वाला है।

कुछ अध्ययन बताते हैं कि ट्रोपोनिन टी ब्लड टेस्ट की तुलना में ट्रोपोनिन आई  ज्यादा सटीक होता है और ह्रदयघात के बारें में बेहतर सुचित करता है।

याद रखिए कि केवल एक हार्ट ब्लड टेस्ट से ह्रदय रोग का सही पता नहीं लगाया जा सकता। अगर आपको लगात है कि आपकी जीवनशैली या परिवार की हिस्ट्री के कारण आपको कम उम्र में ही ह्रदय रोग का खतरा हो सकता है, तो चिकित्सक से संपर्क करें, सुझाए गए हार्ट ब्लॉकेज और ह्रदय रोग के टेस्ट के लिए बुकिंग करवाएं, और अपनी जीवनशैली की आदतों को सुधारें।

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